THE 2-MINUTE RULE FOR पारद शिवलिंग कहा मिलता है

The 2-Minute Rule for पारद शिवलिंग कहा मिलता है

The 2-Minute Rule for पारद शिवलिंग कहा मिलता है

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सावन के महीने में विधि विधान से पारद और स्फटिक शिवलिंग की पूजा करना कल्याणकारी होता है। पारद शिवलिंग की पूजा के दिन ब्रह्ममुहुर्त में उठकर स्नान आदि कार्य खत्म कर लेने चाहिए। इसके बाद मंदिर की सफाई करनी चाहिए। मंदिर में सफेद कपड़े का आसन बिछाकर पारद शिवलिंग की स्थापना इस प्रकार करें कि पारद शिवलिंग की पूजा करते समय जातक का मुंह उत्तर- पूर्व दिशा की तरफ रहे। पारद शिवलिंग के दाहिनी तरफ घी का दिया जलाएं और ॐ मृत्युभजाय नमः, नीलकंठाय नमः, ॐ रुद्राय नमः और ॐ शिवाय नमः मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप करने के बाद हाथों में कुछ चावल और फूल लेकर पारद शिवलिंग पर अर्पित जरूर करें। ऐसा करने का अर्थ होता हुआ की हमारी पूजा संपन्न हो गई है।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का more info एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

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पारद शिवलिंग को साक्षात शिवजी का स्वरूप माना गया है, इसकी पूजा से मिलता है अक्षय पुण्य

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।

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तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।

इसके पूर्व इस कवच को गंगाजल या कच्चे दूध की छींटे मारकर इसे शुद्ध करें।

ब्रह्मचारिणी – ह्रीं श्रीं अम्बिकायै नमः।।

नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में स्थापित करने की विधि:

तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।

अगर आपका पारद शिवलिंग नकली है तो यह सोने के साथ कोई क्रिया नहीं करेगा और सोना जैसे का तैसा ही रखा रहेगा।

आमतौर पर हिंदू धर्म में सभी देवी-देवताओं की साकार रूप की पूजा होती है, जिनके हाथ, पैर, चेहरा आदि होता है, लेकिन एकमात्र शिव ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनों रूपों में पूजे जाते हैं.

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